खुदा से मेरी आखिरी, अरदास रहा कर ।
तू ख्वाब में सही, मेरे पास रहा कर ।।
ये इश्क़ की सिरहन न ले ले जान आशिक़ की।
तू मुझसे दुश्मनी कर, नाराज़ रहा कर ।।
डूब कर जीने का मज़ा और है हमदम।
इस तैरती कश्ती पे तू , सैलाब रहा कर।।
मैं वो शजर, पंछी का आशियां नहीं जहाँ ।
कभी तो मेरे शाहीन, बेपरवाज़ रहा कर ।।
रात भर जागा “मुसाफिर” याद में तेरी ।
इस मुक़द्दर का कभी महताब रहा कर ।।
–“मुसाफिर”
सिरहन- Shivering
शजर- Tree
सैलाब- Cyclone
शाहीन- White Pigeon
बेपरवाज़- Flight Less
महताब- Moon

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