Archive for ‘poetry’

अच्छा, तो अब चलते हैं।

अच्छा, तो अब चलते हैं।

Verse 1सुबह का सूरज देखके सोचो, मन कितना हर्षित होता है।फिर दिन कैसे ऊपर चढ़ता है, और शाम ढले तक […]