Category: poetry
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अच्छा, तो अब चलते हैं।
Verse 1सुबह का सूरज देखके सोचो, मन कितना हर्षित होता है।फिर दिन कैसे ऊपर चढ़ता है, और शाम ढले तक तपता है।फिर डूबता दूर शितिज में जाकर और रात का मेला लगता है।पर सूरज उगता हर पल हर क्षण, दूर किसी अंधियारे में।पाना खोना खेल है देखो, रात हो या उजियारे में।रात के पहलू में…
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2020 और कोरोना
Poem on the pandemic year 2020, How COVID-19, made a havoc in the world and how the humanity is recovering from it.
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Chaahat- चाहत
“Chahat” portraits a failed man, collecting what he has left with, to rejuvenate himself. The desire of getting the best out of the worst.
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Ajab Corona Kaal hai- अजब कोरोना काल है
The troubles of a man who fall ill during COVID-19 crisis. How everyone suspected him to be a corona patient. A humorous poem with a satire on social victimisation of a corona patient.
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Talaash- तलाश
दर्द के सियाह में, कुछ ख्वाहिशों की लाश है।ग़म मिटाने के लिए, एक चाँद की तलाश है। वो चेहरे बैठे ढांक के, था जिनसे मेरा वासता।हो सच में एक सहारा जो, उस शख्स की तलाश है। वो जिसका होने से मुझे, होने का गुमान हो।वो हमसफर वो अहल-ए-दिल, उस साथ की तलाश है। मैं जानता नहीं…
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मेरे पास रहा कर
खुदा से मेरी आखिरी, अरदास रहा कर । तू ख्वाब में सही, मेरे पास रहा कर ।। ये इश्क़ की सिरहन न ले ले जान आशिक़ की। तू मुझसे दुश्मनी कर, नाराज़ रहा कर ।। डूब कर जीने का मज़ा और है हमदम। इस तैरती कश्ती पे तू , सैलाब रहा कर।। मैं वो…




